मरने से क्या डरना है
मरने से क्या डरना है
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जीवन तो एक रंग मंच है
अभिनय तो अपना करना है।
अभिनय में यदि बाधाएं आएं
उनसे भी क्या डरना है।।
धरती पर जन्म हुआ जिसका
उसको तो एक दिन मरना है।
फिर हम कुछ क्यों सोंच रहे हैं
मरने से क्या डरना है।।
मानव का जन्म लिया है हमने
मानव का धर्म निभाना है।
धर्म के पथ चल कर हमको
अपना कर्तव्य निभाना है।।
मानव का सच्चा धर्म यही है
सब जीवों की सेवा करना।
पड़े जरुरत अगर किसी को
उसके संग ही जीना मरना।।
धर्म के पथ पर चलोगे यदि तो
कर्म के पथ खुल जाएंगे।
राहों में यदि शूल भी होंगे
धरती पर ही छुप जाएंगे।।
मृत्यु भी तो एक अकट सत्य है
फिर उससे हमको डरना क्या।
जीवन हमको ईश्वर ने दिया फिर
कर्मों से पीछे हटना क्या।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
नरसिंह हैरान जौनपुरी
19-Mar-2023 07:37 PM
Nice
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डॉ. रामबली मिश्र
18-Mar-2023 09:56 AM
वाह बहुत खूब
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Abhinav ji
18-Mar-2023 08:11 AM
Very nice
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